शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

अमीरों के टैक्स कैसे हों?


      सुबह एक खबर अखबार में पढ़ने को मिली- ‘मुकेश अम्बानी विश्व के 18वें सबसे अमीर व्यक्ति’, जिसमें उनकी व्यक्तिगत सम्पत्ति 2012 में 24.7 अरब डॉलर बतायी गयी है। (प्रसंगवश, मैं निन्दा करता हूँ हिन्दी अखबारों, पत्रिकाओं, न्यूज चैनलों का इस बात पर कि वे आजकल बड़ी राशियों को भारतीय ढंग से नहीं बताते- सीधे मिलियन-बिलियन हाँकने लगते हैं और अक्सर डॉलर की बात करने लगते हैं!) खैर, मेरे हिसाब से, यह राशि 13 खरब, 64 अरब, 11 करोड़, 33 लाख, 36 हजार, 5 सौ तिरेसठ रुपये बैठती है।
      दूसरी खबर अभी शाम को इण्टरनेट पर मिली कि सी. रंगराजन (प्रधानमंत्री के प्रमुख आर्थिक सलाहकार) साहब कह रहे हैं कि अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूला जाना चाहिए- अमेरिका की तरह- राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए। फिलहाल 30 प्रतिशत का आयकर उनसे वसूला जाता है- वे इसे बढ़ाने की बात कह रहे हैं।
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      कभी-कभी मुझे वाकई तरस आता है- एक ग्रीष्मप्रधान देश में बारहों महीने टाई पहनने को मजबूर इन सरकारी अर्थशास्त्रियों/बुद्धिजीवियों पर! पता नहीं, इनके पास "अपना" कोई दिमाग होता भी है या नहीं! बस चीन ने यह किया, तो हमें यह करना है; अमेरिका ने वह किया, तो हमें वह करना है।
      जरा सोचिये, कोई 100 रुपया कमायें और सरकार उसमें से 30 रुपये ले ले, तो क्या वह 'कर' बचाने का तिकड़म नहीं करेगा? और ये जनाब 30 प्रतिशत से भी ज्यादा आयकर वसूलने की वकालत कर रहे हैं। जाहिर है- ज्यादा तिकड़म, ज्यादा भ्रष्टाचार, ज्यादा अफसशाही, ज्यादा मुकदमेबाजी। पता नहीं, ये लोग “आयकर” को कम करके “सम्पत्तिकर” को बढ़ाने के बारे में क्यों नहीं सोचते!
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      मैंने अपने घोषणापत्र में कराधान का एक ढाँचा तय किया है, जिसमें “आयकर” और “सम्पत्तिकर” का विवरण इस प्रकार है-
आयकर
·         सालाना 1 लाख रुपये तथा इससे ज्यादा आय रखने वालों को आयकर के दायरे में लाया जायेगा, जिसके तहत 1 लाख रुपये की सालाना आय पर 1 प्रतिशत; 2 लाख रुपये की सालाना आय पर 2 प्रतिशत; 3 लाख रुपये की सालाना आय पर 3 प्रतिशत का आयकर लिया जायेगा और आयकर प्रतिशत की यह राशि इसी अनुपात में आगे बढ़ती जायेगी।
·         आयकर की अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत होगी; अर्थात् 15 लाख रुपये तथा इससे ज्यादा की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत का आयकर स्थिर कर दिया जायेगा।
·         5 एकड़ तथा इससे बड़ी जोत से होने वाली कृषि-आय को भी आयकर के दायरे में लाया जायेगा।
सम्पत्ति कर
·         1 करोड़ रुपये तथा इससे ज्यादा की चल-अचल सम्पत्ति रखने वालों को सम्पत्ति कर के दायरे में लाया जायेगा, जिसके तहत 1 करोड़ रुपये तथा इससे ज्यादा की सम्पत्ति पर 0.25 प्रतिशत; 10 करोड़ रुपये तथा ज्यादा की सम्पत्ति पर 0.5 प्रतिशत; 1 अरब रुपये तथा ज्यादा की सम्पत्ति पर 1 प्रतिशत; 10 अरब रुपये तथा ज्यादा की सम्पत्ति पर 2 प्रतिशत; 1 खरब रुपये और ज्यादा की सम्पत्ति पर 4 प्रतिशत; 10 खरब रुपये तथा इससे ज्यादा की चल-अचल सम्पत्ति पर 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से सम्पत्ति कर लिया जायेगा जबकि 100 खरब (1 नील) तथा इससे ज्यादा की सम्पत्ति पर 15 प्रतिशत का सम्पत्तिकर स्थिर कर दिया जायेगा।
·         सामाजिक, सांस्कृतिक, जनकल्याणकारी तथा धार्मिक ट्रस्टों/संस्थाओं को सम्पत्तिकर के दायरे में लाया जायेगा।
·         5 एकड़ तथा इससे बड़ी कृषि भूमि को भी सम्पत्तिकर के दायरे में लाया जायेगा।

और भी बहुत-सी बातें हैं इस अध्याय में (देखना चाहें, तो क्लिक करें-
8. कराधान तथा राष्ट्रीय बैंक)। मगर एक अनुमान लगाने में मैं विफल रह गया था। मैंने सोचा था कि 100 खरब से ज्यादा सम्पत्ति रखने वाले भी इस देश में होंगे, मगर यहाँ अम्बानी जी तो 13 खरब पर ही अटक गये हैं! खैर, उनकी उपर्युक्त सम्पत्ति मेरे घोषणापत्र के हिसाब से 8 प्रतिशत सालाना वाली श्रेणी के अन्तर्गत आती है, और वर्ष 2012 के लिए उनका सम्पत्तिकर बनता है- 1 खरब, 9 अरब, 12 करोड़, 90 लाख, 66 हजार और 925 रुपये!

नहीं देना है, तो सम्पत्ति घटाईये। और हाँ, आँखें मत तरेरिये... गनीमत मनाईये कि हमने एक “अमीरी रेखा” निर्धारित कर उससे अधिक की सम्पत्ति को जब्त करने की बात नहीं कही है... ठीक है-? 


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