हिन्द महासागर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे
दियेगो गार्सिया में लापता मलेशियायी विमान के होने की सम्भावना को अमेरिका ने जिस
"स्पष्टता" के साथ खारिज किया है, पाकिस्तान ने अपने यहाँ इस विमान के
होने की सम्भावना को उसी "स्पष्टता" के साथ खारिज नहीं किया है। उसका बयान
है- उसके राडारों को इस जेट के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
ऐसे में, रुपर्ट
मर्डोक का अन्देशा अगर कल को सही निकल जाय और वह विमान पाकिस्तान में ही पाया जाय,
तो कोई आश्चर्य नहीं! हाँ, तब है कि इस अपहरण के उद्देश्य को अब तक रहस्य बनाये
रखने के पीछे का रहस्य वास्तव में रहस्यमयी है!
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अगर विमान ने जलसमाधि
ली है- किसी भी कारण से- तो अब तक उसका कोई-न-कोई अंश समुद्र की सतह पर तैरना चाहिए था। हालाँकि
ऑस्ट्रेलियायी सूत्रों ने आज इस आशय की एक अपुष्ट खबर दी है।
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अगर विमान ने वाकई
सिन्धु सागर या भारतीय भूभाग को पार करते हुए पाकिस्तान का रुख किया है, तो भारतीय
राडारों को इसके संकेत क्यों नहीं मिले? क्या "पुरुलिया हथियार" काण्ड
की पुनरावृत्ति होने वाली है? पुरुलिया काण्ड में भारत का कहना है कि विमान राडार
से बचते हुए उड़ान भर रहा था, जबकि विमान के पायलट ने बाद में दावा किया कि वह भारत
सरकार की अनुमति से उड़ान भर रहा था! इतना ही नहीं, (उसके अनुसार) एक भारतीय
राजनेता ही उसे भारत की सीमा से बाहर निकालने के लिए अपनी लालबत्ती वाली गाड़ी में
बैठाकर उसे नेपाल की सीमा पर छोड़ आया था! (पायलट उस सीमाई शहर का नाम याद नहीं कर
पा रहा था, वह जोगबनी शहर रहा होगा।)
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अब देखा जाय, इस
रहस्य से पर्दा कब तक उठता है...
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