हो सकता है कि मेरे बहुत-से साथी न
जानते हों कि भारत की आजादी के लिए "15 अगस्त" की तारीख को इसलिए चुना
गया था अँग्रेजों द्वारा कि इसी दिन दो साल पहले जापान ने घुटने टेके थे।
अतः 15 अगस्त को "भारत के कुएं" में
रहते हुए हमारा जश्न मनाना तो शोभनीय है, मगर जब हम इस कुएं से बाहर निकल कर
"विश्व के समन्दर" में आयेंगे, तो हम पायेंगे कि यह बड़ा ही दर्दनाक दिन
है...
एक उद्धरण:
"The
date August 15 was also carefully chosen by the British. It was on this very
day that Japan surrendered in 1945. What better way to thwart any possible
Indo-Japanese linkage in future than to make India (and South Korea) celebrate
while Japan remembers its humiliation! Specially relevant in the days of 1947
when the stories of Japanese support to Subhas Chandra Bose's Indian National
Army were a household word in India!"
***
व्यकिगत
रुप से मैं 21 अक्तूबर की तारीख को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाये जाने
का पक्षधर हूँ- क्योंकि इसी दिन 1943 को "स्वतंत्र भारत की अन्तरिम
सरकार" (आरज़ी हुकूमत-ए-आज़ाद हिन्द / Provisional Government of Free India) की
स्थापना हुई थी।
sahi kaha aapne
जवाब देंहटाएंhttp://humaazadhain.blogspot.in/
सटीक !!
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग को ब्लॉग एग्रीगेटर "ब्लॉग - चिठ्ठा" के विविध संकलन में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।
जवाब देंहटाएंकृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा
सटीक !!
जवाब देंहटाएंचोर नहीं चोरों के सरदार हैं पीएम ! हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः10